जैसा की आप जानते है की प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गृह प्रवेश एक महत्वपूर्ण क्षण होता है और आज के समय में अपना घर होना किसी सपने से कम नहीं होता हैं। क्योंकि कड़ी मेहनत और कठिन प्रयासों के बाद किसी व्यक्ति के घर का सपना साकार होता है। इसलिए वो हमेसा एक शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश करना चाहता है। शुभ घड़ी ( shubh ghadi ) और तिथि ( tithi ) पर गृह प्रवेश करने से घर में शांति,समृद्धि और खुशहाली आती है। हम आप को बता दे क गृह प्रवेश के मुहूर्त का निर्धारण तिथि , नक्षत्र, लग्न और वार आदि के आधार पर ज्योतिष ज्ञाता किया करते है।
जानिये आज का दिन रात का चौघडिया शुभ मुहूर्त।
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Griha Pravesh muhurat 2021
गृह प्रवेश मुहूर्त | दिन | तिथि |
09-Jan-21 | शनिवार | एकादशी |
13-May-21 | बृहस्पतिवार | दौज |
14-May-21 | शुक्रवार | अक्षय तृतीया |
21-May-21 | शुक्रवार | दशमी |
22-May-21 | शनिवार | एकादशी |
24-May-21 | सोमवार | तेरस |
26-May-21 | बुधवार | प्रतिपदा (lunar eclipse) |
04-Jun-21 | शुक्रवार | एकादशी |
05-Jun-21 | शनिवार | एकादशी |
19-Jun-21 | शनिवार | दशमी |
26-Jun-21 | शनिवार | दौज |
01-Jul-21 | बृहस्पतिवार | सप्तमी |
05-Nov-21 | शुक्रवार | दौज |
06-Nov-21 | शनिवार | तृतीया |
10-Nov-21 | बुधवार | सप्तमी |
20-Nov-21 | शनिवार | दौज |
29-Nov-21 | सोमवार | दशमी |
13-Dec-21 | सोमवार | दशमी |
चौघड़िया की तरह भी अभिजीत मुहूर्त भी बहुत महत्वपूर्ण होता है आप इसके माध्यम से दिन सबसे अच्छा समय जान सकते है।
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आईये जानते है शास्त्रो में गृह प्रवेश के क्या नियम है ?
अगर हम शास्त्रों की माने तो माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह में गृह प्रवेश के लिये सबसे उत्तम माह व सबसे अच्छा समय माना जाता है।
इतना ही नहीं चातुर्मास अर्थात आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद और आश्विन के महीनों में गृह प्रवेश करना निषेध होता है। क्योंकि माना जाता है की यह अवधि भगवान विष्णु समेत समस्त देवी-देवताओं केआराम करने अथार्त सोने का समय होता है। इन महीनो के अतिरिक्त पौष मास में भी गृह प्रवेश के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
अगर दिन की बात करे तो मंगलवार को छोड़कर अन्य सभी दिनों में गृह प्रवेश किया जाता है। इसके अलावा कुछ विशेष परिस्थितियों में रविवार और शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश करना अच्छा नहीं माना जाता है।
कुछ मत्वपूर्ण दिन जैसे की अमावस्या व पूर्णिमा की तिथि को छोड़कर शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी तिथि गृह प्रवेश के लिए शुभ मानी जाती है।
कुछ ज्योतिष ज्ञाताओं का मानना है की गृह प्रवेश हमेसा स्थिर लग्न में करना चाहिए। इतना ही नहीं गृह प्रवेश के समय आपके जन्म नक्षत्र से सूर्य की स्थिति पांचवे में अशुभ, आठवें में शुभ, नौवें में अशुभ और छठवे में शुभ है।
आईये जानते है गृह प्रवेश कितने प्रकार के होते है ?
सामान्य रूप से लोगो की यह धारणा होती है कि गृह प्रवेश हमेशा नये घर में रहने के लिए किया जाता है लेकिन यह धारणा सही नहीं है। वास्तु शास्त्र के अनुसार गृह प्रवेश 3 प्रकार के होते हैं
1 ) अपूर्व ( Apurva ) : जब आप नये घर में रहने के लिए जाते हैं, तो इस गृह प्रवेश को ‘अपूर्व’ गृह प्रवेश कहते है।
2 ) सपूर्व ( sapurva ) : यदि आप किसी कारणों से आप किसी दूसरे स्थान पर रहने के लिए चले जाते हैं और अपना घर खाली छोड़ देते हैं। इसके बाद जब आप पुनः उसी घर में लौटते हैं, तो इसे सपूर्व गृह प्रवेश कहते हैं।
3 ) द्वान्धव ( dvandhav ) : जब आप को किसी परेशानी या किसी आपदा के चलते घर को छोड़ना पड़ता है और कुछ समय पश्चात दोबारा उस घर में प्रवेश किया जाता है तो वह द्वान्धव गृह प्रवेश कहलाता है। सबसे पहले गृह प्रवेश के लिये दिन, तिथि, वार एवं नक्षत्र को ध्यान मे रखते हुए, गृह प्रवेश की तिथि और समय का निर्धारण किया जाता है।
जाने कब करें गृह प्रवेश ?
कभी-कभी हम आधे-अधूरे बने घर में ही प्रवेश कर लेते हैं लेकिन यह सही नहीं माना जाता है। शास्त्रों में गृह प्रवेश के कुछ विधान बताये गये हैं, जिनका पालन अवश्य करना चाहिए।
जब तक घर में दरवाजे नहीं लग जाते हैं, विशेष रूप मुख्य द्वार पर, और घर की छत पूरी तरह से नहीं बन जाती है, तब तक गृह प्रवेश करने से बचना चाहिए।
गृह प्रवेश के बाद कोशिश करें कि घर के मुख्य द्वार पर ताला नहीं लगाएँ। क्योंकि ऐसा करना अशुभ माना गया है।
विशेष बाते : गृह प्रवेश के संबंध में दिये गये ये सभी विचार धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। अतः गृह प्रवेश से पूर्व वास्तु शांति और अन्य कार्यों के लिए विद्वान ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।