Top 20 Famous Hindu Mandir in the world

जाने दुनिया के Top 20 Famous Hindu Mandir के बारे में और उनकी खासियत

हिन्दू धर्म ना केवल भारत में बल्कि दुनिया के कोने कोने तक फैल चूका है। इस लिए इस धर्म को मानने वाले अपने भगवान की उपासना तथा उनकी पूजा के लिए जगह जगह बहुत विशाल और भव्य मंदिर बनवाये। यहाँ हम लोग क्षेत्र के संदर्भ में सबसे बड़े हिंदू मंदिरों ( Top 20 Famous Hindu Mandir ) की सूची के बारे में बात करेंगे जो की इस प्रकार  है।

1 ) Angkor Wat ( अंकोरवाट मंदिर ) :

अंकोरवाट (खमेर भाषा) कंबोडिया ( cambodia ) मे एक मंदिर परिसर और क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक हैं। अंगकोर वाट दुनिया का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर है। हालांकि बाद में इस मंदिर को बौद्ध रूप दे दिया गया। अंगकोर वाट मंदिर ( Angkor Wat ) 162.66 हेक्टेयर(1,626,000 वर्ग मीटर; 402 एकड़) में फैला हुआ है। यह मंदिर संसार मे अत्यधिक सुप्रसिद्ध हैं। इस मंदिर मे सभी देवताओं की पूजा बड़े आस्था से किया जाता हैं। ऐतिहासिक होने के अलावा इसका लुक और डिजाइन भी काफी आकर्षक है। हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। कंबोडिया के राष्ट्रीय ध्वज में भी इस मंदिर की तस्वीर देखी जाती है।

Angkor Wat temple is the world's largest religious monument.
Angkor Wat temple is the world’s largest religious monument.

अंकोरवाट मंदिर को राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने 12 वीं शताब्दी के प्रारंभ में अपने राज्य मंदिर और राजधानी शहर के रूप में बनवाया था। मीकांग नदी के किनारे सिमरिप शहर में बना यह मंदिर सैकड़ों वर्ग मील में फैला है और लाखों टूरिस्ट इसे देखने के लिए आते हैं। यह विष्णु मंदिर हैं जबकि इसके पूर्ववर्ती शासकोंने प्रायः शिवमंदिर का निर्माण किया था।मीकांग नदी” के किनारे सिमरिप शहर मे बना यह मंदिर आज भी संसार का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर हैं जो सैकड़ों वर्ग मील मे फैला हुआ है।”राष्ट के लिए सम्मान के चिन्ह इस मंदिर को कंबोडिया के राष्ट्रध्वज मे भी स्थान दिया गया हैं।यह मंदिर मेरू पर्वत का भी प्रतीक हैं।

2 ) Sri Ranganathasvamy Temple ( श्री रंगनाथस्वामी मंदिर ) :

क्षेत्रफल की दृष्टि से श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर दुनिया का दूसरा और भारत का सबसे बड़ा मंदिर है।  यह श्री रंगनाथ स्वामी (श्री विष्णु) को समर्पित है। यहाँ पर भगवान् श्री हरि विष्णु शेषनाग शैय्या पर विराजे हुए है। यह मंदिर तमिलनाडु में स्थित है और इसका  क्षेत्रफल 156 एकड़ (631,000 वर्ग मीटर)  में है और बहार बहार 156116 मी (10,710 फीट) की परिसीमा से घिरा हुआ है।  हम आप को बता दे की इतना विशाल क्षेत्रफल और परिसीमा के वजह से ये मंदिर भारत का सबसे बड़ा मंदिर और  दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक परिसरों में से एक है। ये दीवारें 21 गोपुरम से घिरी हुई हैं।  

Sri Ranganathasvamy Temple
Sri Ranganathasvamy Temple

श्री रंगनाथस्वामी मंदिर को विजयनगर अवधि (1336-1565) के दौरान बनाया गया था। श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में 21 गोपुरम  ( टॉवर ) द्वार हैं। मुख्य प्रवेश द्वार का मंदिर 236 फीट लंबा है, इस प्रकार यह एशिया में दूसरा सबसे ऊंचा मंदिर टॉवर है।21 गोपुरम में से सबसे बड़ा राजगोपुरम (मुख्य प्रवेश द्वार का मंदिर) एशिया का सबसे ऊंचा मंदिर टॉवर है। 13-स्तरीय राजगोपुरम 1987 में एक ऐतिहासिक श्रीविष्णव हिंदू मठ अहोभिला मठ द्वारा बनाया गया था। गोपुरम दक्षिण भारतीय मंदिरों में व्यापक रूप से फैला हुआ है, मुख्यतः तमिलनाडु में। श्रीरंगम मंदिर भारत का सबसे बड़ा मंदिर और सबसे ऊंचा मंदिर टॉवर है।

3 ) Akshardham Temple  ( अक्षरधाम मंदिर )  :

भारत में 2005 में निर्मित अक्षरधाम मंदिर संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला का एक प्रतीक है। अक्षरधाम मंदिर में भगवान स्वामीनारायण का निवास है। भगवान स्वामीनारायण को समर्पित, यह मंदिर किसी चमत्कार से कम नहीं है। अक्षरधाम ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दुनिया के सबसे बड़े व्यापक हिंदू मंदिर के रूप में जगह बनाई है। यदि आप कभी दिल्ली की यात्रा पर जाते हैं तो इस जगह को जरूर घूमना चाहिए।  स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर की प्रमुख मूर्ति स्वामीनारायण की मूर्ति है और इसके साथ 20,000 भारत के दिव्य महापुरूषों की मुर्तिया भी शामिल हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण जटिल नक्काशीदार संगमरमर और बलुआ पत्थर से करवाया गया है।

Akshardham Temple
Akshardham Temple

 यमुना अदि के तट पर स्थित अक्षरधाम मंदिर हिंदू धर्म और इसकी प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है। यह मंदिर 100 एकड़ की भूमि में फैला हुआ है।

4 ) Belur Math, Ramakrishna temple ( बेलुड़ मठ,  रामकृष्ण मंदिर )

बेलुड़ मठ भारत के पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के पश्चिमी तट पर बेलूड़ में स्थित है। यह रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ का मुख्यालय है। रामकृष्ण मंदिर को रामकृष्ण मठ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना श्री रामकृष्ण ने की थी और यह पुरुषों का मठ है। बंगाल के श्री रामकृष्ण 19वीं सदी के संत थे। दक्षिणी भारत में रामकृष्ण व्यवस्था के तरह उन्होंने मठ की पहली शाखा चेन्नई में खोली थी। इस मठ को 1897 में स्वामी रामकृष्णानंद ने खोला था, जो श्री रामकृष्ण के अनुयायी थे।

यह मठ 40 एकर जमीन पर बना हुआ है। इस मठ के मुख्य प्रांगण में स्वामी रामकृष्ण परमहंस, शारदा देवी, स्वामी विवेकानंद और स्वामी ब्रह्मानन्द की देहाग्निस्थल पर उनकी समाधियाँ व मन्दिर अवस्थित है

बेलूर मठ कोलकाता स्थित एक प्रसिद्ध स्थल है जहाँ दुनिया भर से टूरिस्ट बेलूर मठ देखने आते है।  यही श्री रामकृष्ण देव रहते थे और स्वामी विवेकानंद अपने जीवन के अन्तिम समय व्यतीत किये थे यहाँ कई महापुरुषों के मंदिर भी है।

Belur Math, Ramakrishna temple
Belur Math, Ramakrishna temple

सबसे पहले बनवाया गया मठ आइस हाउस है। त्रिपलीकेन के समुद्री किनारे पर स्थित इस निर्माण को केस्टल केरनन के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तीन तल्ला भवन है और पश्चिम की यात्रा से लौटने के बाद स्वामी विवेकानंद इस भवन में रहे थे। उनकी वापसी पर मद्रास के लोगों ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया था।
स्वामी रामकृष्णानंद भी इस आइस हाउस में समय गुजारा था और अपने सभी क्रियाकपाल यहीं से संचालित करते थे। उन्होंने रामकृष्ण को समर्पित एक तीर्थस्थल बनवाया और बच्चों के लिए अनाथालय भी खोला। आज यह अनाथालय काफी विशाल रूप ले चुका है।

5 ) Thillai Nataraja Temple, Chidambaram Temple ( थिल्लई नटराज मंदिर , चिदंबरम मंदिर )

चिदंबरम मंदिर व थिल्लई नटराज मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर शहर के मध्य में स्थित है और 40 एकड़ (160,000 मी2) के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह भगवान शिव नटराज और भगवन गोविन्दराज पेरुमल को समर्पित एक प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर है। मंदिर में कुल 9 द्वार हैं जिनमे से 4 पर ऊंचे पगोडा या गोपुरम बने हुए हैं प्रत्येक गोपुरम में पूर्व, दक्षिण, पश्चिम और उत्तर की ओर 7 स्तर हैं। पूर्वीय पगोडा में भारतीय नृत्य शैली – भरतनाट्यम की संपूर्ण 108 मुद्रायें (कमम्स) अंकित हैं।

Thillai Nataraja Temple, Chidambaram Temple
Thillai Nataraja Temple, Chidambaram Temple

40 एकड़ (160,000 मी2)पर स्थित मंदिर भवन में मंदिर का सरोवर भी है। जिसका नाम सिवगंगा है। यह विशाल सरोवर मंदिर के तीसरे गलियारे में है जो देवी सिवगामी के धार्मिक स्थल के ठीक विपरीत है। मंदिर की प्रतिमाओं में उन थिलाई वृक्षों का चित्रण है। जिसके कारण इसे थिल्लई नटराज मंदिर भी कहा जाता है।  इस मंदिर की एक अनूठी विशेषता आभूषणों से युक्त नटराज की छवि है। यह भगवान शिव को भरतनाट्यम नृत्य के देवता के रूप में प्रस्तुत करती है और यह उन कुछ मंदिरों में से एक है जहां पर शिव को प्राचीन लिंगम के जगह पर मानव रूपी मूर्ति के रूप में दिखाया गया है।

6 ) Prambanan, Trimurti temple ( प्रम्बनन , त्रिमूर्ति मंदिर )

प्रम्बनन मंदिर मध्य जावा, इंडोनेशिया में 9 वीं शताब्दी का हिंदू मंदिर परिसर है, जो शिव को समर्पित है। इसमें विष्णु, ब्रह्मा और उनके संघ के मंदिर भी हैं। इसका निर्माण 850 में हुआ।मंदिर परिसर मध्य जावा और योग्याकार्ता प्रांतों के बीच सीमा पर योग्याकार्ता शहर से लगभग 17 किलोमीटर (11 मील) उत्तर-पूर्व में स्थित है। यह परिसर इंडोनेशिया में सबसे बड़ा हिंदू मंदिर स्थल है, और दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे बड़ा है।

Prambanan, Trimurti temple
Prambanan, Trimurti temple

7 ) Brihadeeswarar Temple ( बृहदीश्वर मन्दिर ) :

बृहदीश्वर मन्दिर या राजराजेश्वरम् के बारे में बात करे तो ये मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित एक हिंदू मंदिर है जो की 11वीं सदी के शुरुआत में बनाया गया था। मंदिर भगवान शिव की आराधना को समर्पित है। इस मंदिर को पेरुवुदैयार कोविल भी कहते हैं। यह मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट नि‍र्मि‍त है। विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र ऐसा मंदिर है जो कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह अपनी भव्यता, वास्‍तुशिल्‍प और केन्द्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है।

Brihadeeswarar Temple
Brihadeeswarar Temple

हम आप को बता दे की इस मंदिर का निर्माण 1003-1010 ई. के बीच चोल शासक प्रथम राजराज चोल ने करवाया था। उनके नाम पर इसे राजराजेश्वर मन्दिर का नाम भी दिया जाता है। यह अपने समय के विश्व के विशालतम संरचनाओं में गिना जाता था। इसके तेरह (13) मंजिलें भवन (सभी हिंदू अधिस्थापनाओं में मंजिलो की संख्या विषम होती है।) की ऊंचाई लगभग 66 मीटर है।

8 ) Arunachalesvara Temple ( अरुणाचलेश्वर मंदिर ) :

अरुणाचलेश्वरा मंदिर, जिसे अन्नामलाईयार मंदिर भी कहा जाता है , एक हिंदू मंदिर है जो भारत के तमिलनाडु में तिरुवनमलाई शहर में अरुणाचल पहाड़ी के तलहटी पर स्थित है। यह मंदिर भगवन शिव को समर्पित है। इस मंदिर में एक शिवलिंग है जो भगवान शिव का प्रतिनिधि है और यहाँ पर भगवान की पूजा उनकी पत्नी पार्वती के साथ होती है जो यहाँ उन्नमुलइयम्मा के रूप में स्थित है। यह मंदिर अग्नि तत्व का प्रतिनिधि है और भगवान शिव की पूजा अग्नि शिवलिंग के रूप में की जाती है।

Arunachalesvara Temple
Arunachalesvara Temple

वास्तव में, यह देश के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है और 10 हैक्टेयर भूमि पर बना हुआ है। इस मंदिर को गोपुरम नामक चार प्रवेशद्वार टावरों के साथ भव्यता से बनाया गया है। सबसे ऊँचा गोपुरम पूर्व दिशा में है और इसकी 66मी. की ऊँचाई इसे भारत का सबसे ऊँचा गोपुरम बनाती है। इस गोपुरम में 11 मंजि़लें बनी हुई है।

9 ) Dakshineswar Kali Temple ( दक्षिणेश्वर काली मंदिर ) :

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में मुख्य रूप से मां काली की आराधना की जाती है। यहां मां काली का सबसे बड़ा मंदिर दक्षिणेश्वर काली मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। कई लोगों का मानना है कि कोलकाता में मां काली खुद निवास करती हैं और उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम कोलकाता पड़ा। यह हुगली नदी के किनारे मठ के समीप स्थित है। इस मंदिर की मुख्य देवी, भवतारिणी है, जोकि मान्यतानुसार हिन्दू देवी काली का एक रूप है। यह कलकत्ता के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, और कई मायनों में, कालीघाट मन्दिर के बाद, सबसे प्रसिद्ध काली मंदिर है। इसे वर्ष 1854  में जान बाजार की रानी रासमणि ने बनवाया था।

Dakshineswar Kali Temple
Dakshineswar Kali Temple

 

10 ) Rajagopalaswamy temple ( राजगोपाला स्‍वामी मंदिर ) :

राजगोपालस्वामी मंदिर भारत के तमिलनाडु ( Tamil Nadu ) के मन्नारगुडी शहर में स्थित एक वैष्णव तीर्थस्थल है। यह मंदिर सामनेसे 156 फीट लंबा है। पीठासीन देवता भगवान कृष्ण का एक रूप राजगोपालस्वामी हैं। मंदिर 23 एकड़ (93,000 मी 2) के क्षेत्र में फैला हुआ है और मंदिर की टंकी को हरिद्रा नाड़ी कहा जाता है। 1,158 फीट लंबी और 837 फीट चौड़ी 23 एकड़ (93,000 मी 2) भारत के महत्वपूर्ण वैष्णव मंदिरों में से एक है। मंदिर को हिंदुओं द्वारा गुरुवायूर के साथ दक्षिणा द्वारका (दक्षिणी द्वारका) भी  कहा जाता है। मंदिर भी 23 एकड़ का है और मंदिर का टैंक हरिद्रा नाधी भी 23 एकड़ का है, जो इसे भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।

Rajagopalaswamy temple
Rajagopalaswamy temple

11 ) Ekambareswarar Temple ( एकम्बरेश्वर मंदिर  ) :

एकम्बरेश्वर मंदिर एक हिन्दू मंदिर है जोकि भारत के राज्य में कांचीपुरम में स्थित है।  यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित  है। यह पाँच प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है। कांचीपुरम को मंदिरो का शहर भी कहा जाता है। एकाम्बरनाथ मन्दिर शहर के उतरी भाग मे है। 

Ekambareswarar Temple
Ekambareswarar Temple

पौराणिक कथा के अनुसार मंदिर मे अनेक बरसों से एक आम का पेड़ है जो लगभग 3500 -4000 वर्ष पुराना है। इस पेड़ की हर शाखा पर अलग-अलग रंग के आम लगते है और इनका स्वाद भी अलग अलग है। इस पेड़ के नीचे माँ पार्वती ने भगवान महादेव शिव की पूजा की थी और माता पार्वती शिव जी को प्रपात करने के लिए उसी आम के पेड़ के नीचे मिटटी या बालू से ही एक शिवलिंग बना कर घोर तेपस्य करनी शरू कर दी| जब शिव ने ध्यान पर पार्वती जी को तेपस्य करते हए देखा तो महादेव ने माता पार्वती की परीक्षा लेने के उद्देश्य से अपनी जटा से गंगा जल से सब जगह पानी पानी कर दिया। जल के तेज गति से पूजा मे बाधा पड़ने लगी तो माता पार्वती ने उस शिवलिंग जिसकी वह पूजा कर रही थी उसे गले लगा लिया जिसे से शिव लिंग को कोई नुकसान न हो। भगवान शंकर जी यह सब देख कर बहुत खुश हए और माता पार्वती को दर्शन दिये। शिव जी ने माता पार्वती से वरदान मांगने को कहा तो माता पार्वती ने विवाह की इच्छा व्यक्त की। महादेव ने माता पार्वती से विवाह कर लिया।

हम आप को बता दे की आज भी मंदिर के अंदर वह आम का पेड़ हरा भरा देखा जा सकता है। माता पार्वती और शिव जी को समर्पित यह मंदिर एकबारनाथ मंदिर है।

12 ) Varadharaja Perumal Temple,  Kanchipuram ( वरधराजा पेरुमल मंदिर, कांचीपुरम ) :

वरधराजा पेरुमल मंदिर भारत के पवित्र शहर कांचीपुरम में स्थित भगवान विष्णु को समर्पित है। यह दिव्य देशमों में से एक है, माना जाता है कि विष्णु के 108 मंदिरों को 12 कवि संतों या अलवरों द्वारा दौरा किया गया था। यह कांचीपुरम के एक उपनगर में स्थित है जिसे विष्णु कांची के रूप में जाना जाता है जो कई प्रसिद्ध विष्णु मंदिरों के लिए एक घर है। माना जाता है कि वैष्णव दर्शन अद्वैत दर्शन के सबसे बड़े हिंदू विद्वानों में से एक रामानुज का इस मंदिर में निवास है।

Varadharaja Perumal Temple,  Kanchipuram
Varadharaja Perumal Temple,  Kanchipuram

पौराणिक कथा के अनुसार, जब राजा कृष्णवर्मा पर पड़ोसी राज्य के राजा ने हमला किया तो इस देवता ने वीरराघवन के रुप में इस राजा की मदद की थी। भगवान के सम्मान में राजा ने इस मंदिर को बनवाया। इस मंदिर के आसपास राजा ने एक शहर का भी निर्माण किया, जो वीरराघवपुरम के नाम से जाना जाने लगा। यह मंदिर तामिरभरणी नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर के मुख्य देवता या “मूलवर” वीरराघवन हैं और मंदिर की “उत्सव मूर्ति” श्री वरदराजा पेरूमल है, जिनके नाम पर इस मंदिर का नाम रखा गया है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए त्योहारों का मौसम साल का सबसे अच्छा समय है। तमिल के चीतरई महीने (मध्य मई से मध्य अप्रैल) में मनाया जाने वाला ब्रह्मा उत्सवम के दौरान इस मंदिर के दर्शन करना एक फलदायक अनुभव होगा।

यह मंदिर सुबह 7.00 से 11.00 बजे तक तथा शाम को 6:00 बजे से रात के 9:00 बजे तक खुला रहता है।

13 ) Thyagaraja Temple, Tiruvarur ( त्यागराज मंदिर, तिरुवरूर ) :

श्री त्यागराज मंदिर तमिलनाडु के तिरुवरुर में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। जो भगवन सोमास्कंद शिव को समर्पित है। मंदिर परिसर में वनमीकनाथ, त्यागराज और कमलाम्बा के भी मंदिर हैं। यह मंदिर 20 एकड़ (81,000 मी 2) के क्षेत्र में फैला हुआ है। कमलालयम मंदिर की टंकी लगभग 16 एकड़ (65,000 मी 2), देश में सबसे बड़ी में से एक है। मंदिर का रथ तमिलनाडु में अपनी तरह का सबसे बड़ा है।

Thyagaraja Temple, Tiruvarur
Thyagaraja Temple, Tiruvarur

मंदिर में प्रतिदिन सुबह साढ़े पांच बजे से रात 10 बजे तक छह बार अनुष्ठान होते हैं और इसके कैलेंडर पर बारह वार्षिक उत्सव होते हैं। मंदिर में एशिया का सबसे बड़ा रथ है और वार्षिक रथ उत्सव अप्रैल महीने के दौरान मनाया जाता है।

14 ) Jambukeswarar Temple, Thiruvanaikaval ( जम्बुकेस्वरार मंदिर, थिरुवानैकोइल ) :

जम्बुकेस्वरार मंदिर, थिरुवानैकोइल (थिरुवानैकोइल, जम्बुकेस्वरम) भी भारत के तमिलनाडु राज्य में तिरुच्चिराप्पल्ली (त्रिची) जिले में एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। मंदिर लगभग 1,800 साल पहले, प्रारंभिक चोलों में से एक, कोकेंगन्नन (कोचेंग चोल) द्वारा बनाया गया था। यह श्रीरंगम द्वीप में स्थित है, जिसमें प्रसिद्ध रंगनाथस्वामी मंदिर है।

Jambukeswarar Temple, Thiruvanaikaval
Jambukeswarar Temple, Thiruvanaikaval

थिरुवनाईकल तमिलनाडु के पाँच प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है (पंच भूत) जो महाभारत या पाँच महान तत्वों का प्रतिनिधित्व करता है। यह मंदिर तमिल में पानी के तत्व या नीर का प्रतिनिधित्व करता है। जम्बुकेश्वर के गर्भगृह में एक भूमिगत जलधारा है जो कभी खाली नहीं होता है।

15 ) Nellaiappar Temple ( नेल्लईअप्पार मंदिर ) :

तिरुनेलवेली के नेल्लईअप्पार मंदिर की बात तो यह मंदिर तमिलनाडु का सबसे बड़ा शिव मंदिर है। इसे 700 ई. में पंड्या द्वारा बनाया गया था और इस मंदिर में भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती के लिए दो मंदिर अलग अलग बनाए गए हैं। ये मंदिर 17 वीं सदी में बनाए गए संगिली मंड़पम से जुड़े हुए हैं। नैलायप्पार मंदिर 14 एकड़ में फैला है। इस मंदिर का गोपुरम 850 फीट लंबा और 756 फीट चौड़ा है। मंदिर परिसर चौदह एकड़ के एक क्षेत्र को कवर करता है और इसके सभी तीर्थों को गाढ़ा आयताकार दीवारों से सुसज्जित किया गया है। मंदिर में कई मंदिर हैं, जिनमें स्वामी नैलायप्पर और उनके शिष्य श्री कांतिमथी अम्बल सबसे प्रमुख हैं।

Nellaiappar Temple
Nellaiappar Temple

16 ) Meenakshi Amman Temple ( मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मन्दिर ) :

मीनाक्षी सुन्दरेश्वरर मन्दिर या मीनाक्षी अम्मां मन्दिर भारत के तमिलनाडु राज्य के मदुरई नगर, में स्थित एक ऐतिहासिक मन्दिर है। यह हिन्दू देवता शिव एवं उनकी भार्या देवी पार्वती दोनो को समर्पित है। मीनाक्षी सुन्दरेश्वरर का अर्थ इस प्रकार है “‘सुन्दरेश्वरर”’ का मतलब “सुन्दर ईश्वर के रूप में ” और मीनाक्षी मतलब ” मछली के आकार की आंख वाली देवी के रूप में “।  इस पूरे मन्दिर का भवन समूह लगभग 45 एकड़ भूमि में बना है, जिसमें मुख्य मन्दिर भारी भरकम निर्माण है और उसकी लम्बाई 254मी एवं चौडा़ई 237 मी है। मन्दिर बारह विशाल गोपुरमों से घिरा है। इस मन्दिर का गर्भगृह 3500 वर्ष पुराना है, इसकी बाहरी दीवारें और अन्य बाहरी निर्माण लगभग 1500-2000 वर्ष पुराने हैं।

Meenakshi Amman Temple
Meenakshi Amman Temple

मीनाक्षी को देवी पार्वती का अवतार माना जाता है। इस मन्दिर को देवी पार्वती के सर्वाधिक पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है।

।। कांची तु कामाक्षी,
मदुरै मिनाक्षी,
दक्षिणे कन्याकुमारी ममः
शक्ति रूपेण भगवती,
नमो नमः नमो नमः।।

17 ) Vaitheeswaran Kovil or Pullirukkuvelur  ( वैथीश्वरन कोईल या पुली रुक्कु बेलूर )

वैथीश्वरन मंदिर व pullirukkuvelur mandir भगवान शिव को समर्पित है जो कि भारत में स्थित है। इस मंदिर में, भगवान शिव को “वैथीश्वरन” या “चिकित्सा के देवता” के रूप में पूजा जाता है।भक्तो का मानना ​​है कि भगवान वैठेश्वरन की प्रार्थना से सभी प्रकार के रोग ठीक हो सकते हैं।

Vaitheeswaran Kovil or Pullirukkuvelur 
Vaitheeswaran Kovil or Pullirukkuvelur

बसे अधिक गर्भगृह में भगवान वैठेश्वरन लिंग के रूप में हैं। इस मंदिर को ग्रह मंगल (अंगारक) से जुड़े नौ ग्रहों में से एक मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। जब लोग अपनी कुंडली में ग्रह प्रतिकूल स्थिति में होते हैं तो मंगल ग्रह से पुरुष प्रभाव को कम करने के लिए भगवान अंगारका को लाल वस्त्र अर्पित कर मंगलवार को लोग इस मंदिर में जाते हैं और अनुष्ठान करते हैं।

मंगलवार को 9 बार भगवान अंगारक के गायत्री मंत्र का जाप करने से पुरुष पर मंगल ग्रह का प्रभाव कम होता है।

“ओम वीरध्वजाया विद्महे   विघ्न हस्तेया धीमहि   तन्नो भम्मा प्राच्योदयथ “

18 ) Jagannath Temple, Puri ( जगन्नाथ मंदिर, पुरी ) :

उडी़सा के पूरी मे स्थित जगन्नाथ जी का मंदिर समस्त विश्व मे प्रसिद्ध हैं। यह मंदिर हिन्दुओं के चारोधामों के तीर्थ मे से एक हैं, कहते हैं की मरने से पहले हर हिन्दू को चारों धाम की यात्रा करनी चाहिए, इससे धाम मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। जगन्नाथपूरी मे भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण का मंदिर हैं ,जो बहुत विशाल और कईं साल पुराना हैं। इस जगह का मुख्य जगन्नाथ पूरी की रथयात्रा है यह किसी उत्सव से कम नही होती है।

Jagannath Temple, Puri orisa
Jagannath Temple, Puri orisa

जगन्नाथ जी की रथयात्रा हर साल आषाढ माह (जुलाई महीने ) के शुक्ल पक्ष के दुसरे दिन निकाली जाती हैं। रथयात्रा का महोत्सव10 दिन का होता हैं जो शुक्ल पक्ष की 11 दिन समाप्त होता हैं। इस दिन भगवान कृष्ण उनके भाई बलराम बहन सुभद्रा को रथो मे बैठाकर गुन्डीचा मन्दिर ले जाया जाता हैं, तीनों रथो को भव्य रूप से सजाया जाता हैं। और इसकी तैयारी कई महिने से होती हैं।

19 ) Birla Mandir  ( बिरला मंदिर ) :

बिड़ला मंदिर विभिन्न शहरों में बिड़ला परिवार द्वारा निर्मित विभिन्न हिंदू मंदिरों को संदर्भित करता है। दक्षिण भारत के हैदराबाद शहर में स्थित बिरला मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। यह मंदिर नौबत पहाड नामक एक ऊंचे टीले पर बना है। जिसकी उचाई 280 फीट (85 मीटर) है। मंदिर का निर्माण कार्य सन 1966 में शुरू होकर सन 1976 में समाप्त हुआ। मंदिर के निर्माण में पुरे 10 साल लगे। मंदिर जनता लिए स्वामी रंगनाथन द्वारा खोला गया था।

Birla Mandir Hyderabad in hindi
Birla Mandir Hyderabad in hindi

हम आप को बता दे की यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर समर्पित है, जो दो हजार टन सफेद राजस्थानी संगमरमर से बना है। यह मंदिर हुसैन सागर झील के पास स्थित है।  दर्शन के लिए यह मंदिर सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक, और शाम 3 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहता है।