जोगी और मायावती के करिश्मे पर टिकी भाजपा की नज़र-छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव

जोगी और मायावती के करिश्मे पर टिकी भाजपा की नज़र छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव

छत्तीसगढ़:छत्तीसगढ़ में चौथी बार सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा उम्मीदें लगे बैठी है तो वंही राज्य में अजित जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस, बसपा और सीपीआई के गठबंधन के प्रदर्शन पर भी टिकी हैं। गौरतलब है कि राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव की तरह ही करीब 76 फीसदी मत पड़े हैं। लेकिन, पिछले तीन चुनाव से उलट इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके अजीत जोगी की नई पार्टी, बसपा और भाकपा के गठबंधन ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।

भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि इस गठबंधन को आठ फीसदी तक वोट मिलने पर भाजपा फिर से सत्ता हासिल कर लेगी। लेकिन, इसके उलट यदि गठबंधन का वोट प्रतिशत दस फीसदी को पार कर गया तो पार्टी के लिए वापसी की राह भी मुश्किल हो जाएगी।

रणनीतिकार की मानें तो इस गठबंधन को आठ फीसदी तक वोट हासिल होने का अर्थ है कि अजित जोगी कांग्रेस के परंपरागत मतदाताओं सतनामी, आदिवासी, इसाई, मुस्लिम बिरादरी को साधने में कामयाब रहे हैं। इसके उलट यदि गठबंधन का मत प्रतिशत बढ़ता है तो इसका सीधा सा अर्थ है कि इसने भाजपा के परंपरागत मतदाताओं में भी सेंध लगाई है।

राज्य में भाजपा को ग्रामीण वोटर और किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा नाममात्र की शहरी सीटें और कथित तौर पर पार्टी के साहू वोट बैंक में कांग्रेस की सेंधमारी ने भी परेशानी खड़ी की है। चूंकि पार्टी यहां पिछले 15 वर्षों से सत्ता में है, इसलिए राज्य में स्वाभाविक सत्ता विरोधी रुझान भी सामने आए हैं।

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