किसानों पर नोटबंदी का हुआ बुरा असर – मोदी सरकार

किसानों पर नोटबंदी का हुआ बुरा असर - मोदी सरकार

8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले पर देश में लगातार चर्चा होती है। विपक्ष इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताता रहा है और वाही सरकार इसको फायदेमंद बताती है लेकिन भारत सरकार के ही कृषि मंत्रालय ने अपनी ही एक रिपोर्ट में कहा है कि किसानों पर नोटबंदी के फैसले का काफी बुरा असर पड़ा है जबकि कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि 2016-17 में बीजों की बिक्री 2015-16 की अपेक्षा ज्यादा हुई और यह नहीं कहा जा सकता कि नोटबंदी का कृषि पर कोई असर पड़ा है।

वित्त मंत्रालय की हुई एक स्थायी बैठक में कृषि मंत्रालय ने माना है कि पैसो की कमी के चलते लाखों किसान, रबी की फसल में बुआई के लिए बीज-खाद नहीं खरीद सके जिसका उन पर काफी बुरा असर पड़ा है कृषि मंत्रालय ने नोटबंदी के असर पर एक रिपोर्ट भी संसदीय समिति को सौंपी है जिसमे कृषि मंत्रालय द्वारा बताया गया की नोटबंदी के कारण देश में आई पैसो की कमी के वजह से जादातर किसानो ने रवि की फसल की बुआई नहीं कर पाए है।

नहीं खरीद पाए बीज-खाद

कृषि मंत्रालय ने समिति को बताया कि जब नोटबंदी लागू हुई तब किसान या तो अपनी खरीफ फसल की पैदावार बेच रहे थे या रबी फसल की बुआई कर रहे थे और ऐसे समय में किसानों को नगदी की बेहद जरूरत होती है पर उस समय 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी मोदी सरकार द्वारा किये जाने से देश में पैसो की किल्लत के चलते लाखों किसान बीज और खाद नहीं खरीद सके और अपने खेतों की बुआई नहीं कर पाए ।

सरकार के बीज भी नहीं बिके

कृषि मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट बताया कि बड़े किसानों को भी खेती के कामों का मेहनताना देने और खेती की जरूरतों को पूरा करने में दिक्कत का सामना करना पड़ा है और कृषि मंत्रालय ने बताया कि कैश की किल्लत के चलते राष्ट्रीय बीज निगम के लगभग 1 लाख 38 हजार क्विंटल गेहूं के बीज नहीं बिक पाए हालांकि सरकार ने बाद में गेहूं के बीज खरीदने के लिए 500 और 1000 के पुराने नोटों के इस्तेमाल करने की छूट दे दी थी फिर भी इस छूट के बाद भी बीज के बिक्री में कोई खास तेजी नहीं आई कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले पुरे देश के किसान परेसान है कोई किसान फसल नहीं लगा पाया तो किसी ने फसल लगाने के बाद खेतों में खाद नहीं दल पाया ।

श्रम मंत्रालय ने कहा

हालांकि, श्रम मंत्रालय ने समिति के समक्ष नोटबंदी को भुनाते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नोटबंदी के बाद के क्वार्टर में लाखों लोगों की नौकरी जाने के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है बैठक में विपक्ष के सांसदों ने कृषि मंत्रालय और MSME मंत्रालय के अधिकारियों से कड़े सवाल पूछे. कई सांसदों ने जानना चाहा कि नोटबंदी के बाद लाखों लोगों की नौकरी जाने की रिपोर्ट की क्या सरकार को जानकारी थी या नहीं ?

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