इन दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक अलग ही अंदाज देखनेको मिल रहा है। इन दिनों वो बहुत आक्रामक तेवर में दिख हैं। उन्होंने गुजरात के बहुचर्चित मुठभेड़ कांड में मारे गए सोहराबुद्दीन शेख उसकी पत्नी कौसर बी और तुलसी प्रजापति केस के सभी आरोपियों के छूटने पर तंज कसा है और ट्वीट करते हुए लिखा है” हरेन पांड्या, तुलसीराम प्रजापति, जस्टिस लोया, प्रकाश थॉम्ब्रे, श्रीकांत खांडेलकर, कौसर बी, सोहराबुद्दीन शेख…इन्हें किसी ने नहीं मारा, ये बस मर गए ” राहुल गांधी का ये ट्वीट अब जो सोशल मीडिया पर कुछ ही समय में वायरल हो गया खबर लिखे जाने तक, करीब इग्यारह हजार लोगों ने ट्वीट को रिट्वीट किया। राहुल गांधी ने बीजेपी के शासनकाल में कुल सात लोगों की संदिग्ध मौत को लेकर ट्वीट में सवाल उठाए हैं।
आईये इस केस के बारे में कुछ जानकारी हम आप से शेयर करते है
हम आप को बता दे की हरेन पंड्या गुजरात के गृहमंत्री रह चुके थे। उनकी 26 मार्च 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तब गुजरात में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे। इस घटना में आरोपी रहे सोहराबुद्दीन शेख को बाद में पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। जज बीएच लोया सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। उनकी 2015 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, जबकि इसी केस से जुड़े वकील श्रीकांत की भी 29 नवंबर 2015 को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया था कि वकील श्रीकांत को कोर्ट की बिल्डिंग से फेंक कर मारा गया था। जबकि सोहराबुद्दीन और तुलसीराम प्रजापति दोनों उज्जैन के मूल निवासी थे। दोनों का अपराध से नाता था। तुलसीराम प्रजापति ने नाबालिग रहते ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। 1997 में 18 साल की उम्र में पहली बार वह गिरफ्तार हुआ था। बाद में 28 साल की उम्र में गुजरात में हुए एन्काउंटर में उसे पुलिस ने मार गिराया।
अब ये भी जान लेते है की सोहराबुद्दीन शेख मामला क्या है
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, आतंकवादियों से संबंध रखने वाला कथित गैंगेस्टर शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी प्रजापति को गुजरात पुलिस ने एक बस से उस वक्त अगवा कर लिया था, जब वे लोग 22 और 23 नवंबर 2005 की दरम्यिानी रात हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे। सीबीआई के मुताबिक शेख की 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद के पास कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई।
उसकी पत्नी को तीन दिन बाद मार डाला गया और उसके शव को ठिकाने लगा दिया गया। साल भर बाद 27 दिसंबर 2006 को प्रजापति की गुजरात और राजस्थान पुलिस ने गुजरात – राजस्थान सीमा के पास चापरी में कथित फर्जी मुठभेड़ में गोली मार कर हत्या कर दी। अभियोजन ने इस मामले में 210 गवाहों से पूछताछ की जिनमें से 92 मुकर गए। इस बीच, बुधवार को अभियोजन के दो गवाहों ने अदालत से दरख्वास्त की कि उनसे फिर से पूछताछ की जाए। इनमें से एक का नाम आजम खान है और वह शेख का सहयोगी था।
उसने अपनी याचिका में दावा किया है कि शेख पर कथित तौर पर गोली चलाने वाले आरोपी एवं पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान ने उसे धमकी दी थी कि यदि उसने मुंह खोला तो उसे झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा। एक अन्य गवाह एक पेट्रोल पंप का मालिक महेंद्र जाला है। अदालत दोनों याचिकाओं पर शुक्रवार को फैसला करेगी।
NO ONE KILLED…
Haren Pandya.
Tulsiram Prajapati.
Justice Loya.
Prakash Thombre.
Shrikant Khandalkar.
Kauser Bi.
Sohrabuddin Shiekh.
THEY JUST DIED.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 22, 2018