आईये देखते है की आखिर क्या नोटिस निर्वाचन आयोग ने दिया है और तेज बहादुर यादव के वकील किया कह रहे है :
वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव की जिंदगी उठापटक वाली रही है। तेजबहादुर अपनी नौकरी ही नहीं, युवा बेटे को भी खो चुके हैं। वर्दी पहनकर सैनिकों को मिलने वाले भोजन की आलोचना करने के चलते तेज बहादुर को बर्खास्त कर दिया गया था।
18 जनवरी 2019 को रेवाड़ी के शांति विहार स्थित घर में उनके 22 वर्षीय बेटे रोहित की मौत हो गई थी। रोहित दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। घटना वाले दिन तेजबहादुर प्रयागराज कुंभ गए थे। पुलिस ने रोहित के हाथ से पिस्टल बरामद की थी। पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला माना था। लेकिन परिवार का कहना है की उसके बेटे की हत्या की गयी है ।