लोकसभा चुनाव नजदीक आ चुके है और केंद्र सरकार अपने द्वारा किये गए कार्यो को जनता तक पहुचाने में जुटी हुई है। हम आप को बता से की आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को 100 दिन पूरे हो चुके हैं। इस अवसर पर सरकार ने लाभार्थियों को योजना के लाभ के बारे में बताते हुए नौ करोड़ से अधिक व्यक्तिगत पत्र भेजना शुरू कर दिया है, लेकिन विपक्ष ने इसकी आलोचना की है।
विपक्ष का कहना है कि आम चुनाव से पहले यह भारतीय जनता पार्टी का चुनावी प्रचार है। जिसमे वो सरकारी पैसे को अपने चुनाव में इस्तमाल कर रही है। विपक्ष ने कहा की इन्ही सब खर्चो को कम करने के लिए सरकार ने डिजिटल इंडिया योजना चलाया था। ये काम डिजिटल इंडिया योजना से क्यों नहीं किया गया इसका सीधा ये मतलब निकलता है की और सभी योजनाओ की तरह डिजिटल इंडिया योजना भी जुमला निकला ।
हम आप को बता दे की आयुष्मान भारत कार्यक्रम के सीईओ इंदू भूषण ने बताया कि करीब नौ करोड़ पत्र छप चुके हैं और लाभार्थियों को भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘सभी राज्यों के लाभार्थियों के नाम लिखे दो पृष्ठों के पत्र आठ भाषाओं में हैं। रविवार से ही पत्र भेजे जा रहे हैं।’पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखा गया है, जिसमें आयुष्मान भारत योजना के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व अन्य के बारे में बताया गया है। पत्र के अंत में पीएमजेएवाई पर उनका नोट है।
इतना ही नहीं इंदू भूषण ने बताया कि पत्र की छपाई पर खर्च उपयुक्त है, हालांकि उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा खर्च की गई इस राशि के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया। उन्होंने बताया कि इस पर खर्च आयुष्मान योजना के लिए आवंटित बजट से नहीं हुआ है।