केंद्र सरकार राफेल डील के फैसले में ‘तथ्यात्मक सुधार’ की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका

केंद्र सरकार राफेल डील के फैसले में 'तथ्यात्मक सुधार' की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका

जैसा की आप जानते है की सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर अपना फैसले सुना चुकी है और मोदी सरकार इसे अपनी जीत भी बता रही है। इस पर जबरजस्त सियासी घमासान भी मचा हुआ है लेकिन इसी के बीच केंद्र सरकार एक बार फिर से SC जा पहुंची है। इस बार सरकार ने याचिका दाखिल कर राफेल डील पर दिये गए फैसले में एक ”तथ्यात्मत सुधार” की मांग की है।

केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से फैसले के उस पैराग्राफ में सुधार की मांग की है, जिसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) रिपोर्ट और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के बारे में संदर्भ है। एक विधि अधिकारी ने बताया कि अदालत को ये बताने के लिए याचिका दायर की गयी है कि कैग और पीएसी से जुड़े दस्तावेज के मुद्दे पर अलग-अलग व्याख्या की जा रही है। हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा था कि कैग के साथ कीमत के ब्यौरे को साझा किया गया और कैग की रिपोर्ट पर पीएसी ने गौर किया।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) और पीएसी के मुद्दे के बारे में शीर्ष अदालत के फैसले के पैराग्राफ 25 में इसका बात की जिक्र है। फैसले में कहा गया था कि फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदारी में किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई। फैसले में कहा गया कि उसके सामने रखे गए साक्ष्य से पता चलता है कि केंद्र ने राफेल लड़ाकू विमान पर मूल्य के विवरणों का संसद में खुलासा नहीं किया, लेकिन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के सामने इसे उजागर किया गया। शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस नेता और पीएसी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उनके सामने इस तरह की रिपोर्ट नहीं आयी थी।

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