चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भ्रष्टाचारी नंबर वन कहने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को क्लीनचिट दे दी है. चुनाव आयोग का कहना है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है. इस फैसले के साथ ही मोदी को अब तक आचार संहिता उल्लंघन के नौ मामलों में क्लीनचिट मिल चुकी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा, प्रथम दृष्टया हमें तो नहीं लगता कि हमने चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुरूप आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है. इस मामले को रद्द किया जाता है.
हम आप को बता दे की प्रधानमंत्री मोदी ने बीते शनिवार को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ की एक रैली में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम लिए बगैर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आपके पिताजी को आपके राज दरबारियों ने गाजे-बाजे के साथ मिस्टर क्लीन बना दिया था. लेकिन देखते ही देखते भ्रष्टाचारी नंबर वन के रूप में उनका जीवनकाल समाप्त हो गया. नामदार यह अहंकार आपको खा जाएगा. ये देश गलतियां माफ करता है, मगर धोखेबाजी को कभी माफ नहीं करता.’
मोदी के इस बयान की विभिन्न पार्टियों की कड़ी आलनोचा की थी.
अभिषेक सिंघवी और सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चुनाव आयोग को बताया, ‘प्रधानमंत्री द्वारा इस तरह की भद्दी और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करना सिर्फ मानहानिकारक ही नहीं बल्कि आचार संहिता का उल्लंघन का उल्लंघन भी करात है, जिसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए.
इससे पहले चुनाव आयोग ने दो और मामलों में मोदी को क्लीनचिट दी थी.
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मोदी ने 23 अप्रैल को वोट डालने के बाद अहमदाबाद में रोड शो किया था लेकिन चुनाव आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि मोदी ने आचार संहिता या चुनावी कानून का उल्लंघन नहीं किया है.
चुनाव आयोग ने नौ अप्रैल को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में मोदी के बयान को भी क्लीनचिट दे दी. चित्रदुर्ग में उन्होंने अपने चुनावी भाषण में नये मतदाताओं से अपना वोट बालाकोट हवाई हमले के नायकों को समर्पित करने का कथित रूप से आह्वान किया था.