jivitputrika or jiutia vrat

Jitiya Vrat Jivitputrika Vrat 2023 : Puja Vidhi Shubh Muhurat And Vrat

 

Jivitputrika Vrat 2023 Mein Kab Hai : साल 2023 में आश्विन मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि 23 अक्टूबर 2023, शुक्रवार को है. आश्विन कृष्ण अष्टमी के प्रदोषकाल में । माताएं अपनी संतान के लिये जीमूतवाहन का पूरी श्रद्धा से पूजन करती है।

जीवित्पुत्रिका or जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है।  जितिया व्रत की कथा कहानी, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि।

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जितिया व्रत कथा

वैसे तो उत्तर प्रदेश और बिहार पौराणिक कथा के लिए और स्थानों , परंपराओं के लिए जाना जाता है लेकिन बहुत कम लोग है जो जानते होगे जितिया व्रत (जीवित्पुत्रिका) ,मान्यता है कि माता अपने संतान के चिर आयु के लिए पूरा एक दिन का निर्जला व्रत रखती है।

इस व्रत के पीछे कथा है कि गंधर्वो के राजकुमार जीमूतवाहन जो कि बड़े दयालु थे और पिता ने तपस्या के लिए वन जाते समय उनको काफी छोटी उम्र में सिंहासन पे बिठाया लेकिन जीमूतवाहन का मन राजपाट में नहीं लगता था इसलिए पिता के जाने बाद वह पिता की सेवा वन में जाकर करना चाहते थे।

इसलिए उन्होंने अपना राजपाट भाईयो को सौंपकर वन को चले गए और वहीं उनका विवाह मलयवती नाम के कन्या के साथ हो गया ,एक दिन जीमूतवाहन वन में एक एक विद्घा नारी को विलाप करते हुए सुना उससे पूछने पे पता चला कि वह नगवंस की स्त्री है और उसके पुत्र को पक्षी राज गरुड़ भक्षण करने आएंगे।

उसका एक ही पुत्र है इसलिए वह विलाप कर रही है ,ये सुनकर जीमूत वाहन ने उनको आश्वस्त किया और कहा तुम्हारे पुत्र की जगह गरुड़ का ग्रास वो बनेंगे और जाकर वध शीला पे लेट गए ,पक्षीराज आए उनको वहा से लेके गए ,गरुड़ जी के चंगुल में दबोचे जाने के बाद भी राजकुमार ने आह तक नहीं की।

इस बात से गरुड़ जी को आश्चर्य हुआ, गरुड़ के पूछने पे राजकुमार ने सारी कथा बताई,इस बहादुरी से गरुड़ जी खुश हुए और वचन दिए अब वह किसी भी नग वंश का भक्षण नहीं करेंगे इस प्रकार जीमूतवाहन के साहस से नाग-जाति की रक्षा हुई। एक मां के पुत्र की रक्षा हुई, उसके पुत्र को जीवनदान मिला।

यही कारण है कि तभी से पुत्र की सुरक्षा हेतु जीमूतवाहन की पूजा की जाती है एवं महिलाएं पूर्ण विधि-विधान से व्रत भी करती हैं, भगवान शंकर ने भी कथा का व्याख्यान करते हुए कहा है जो स्त्री जीमूतवाहन की पूजा करेगा उसको पुत्र पौत्र का संपूर्ण सुख मिलता है आस्था है तो कुछ भी संभव है।