ओणम केरल का एक प्रमुख त्यौहार हैं। इस दिन पूरे घर की विशेष रूप से साफ-सफाई की जाती हैं,इसके बादलोग पूरे घर को फूलों से सजाते हैं ,यह कार्यक्रम 10 दिनों तक चलता हैं। लोग अपने घर के दरवाजे के बाहर फूलों से रंगोली बनाते हैं।
ओणम का त्यौहार दक्षिण भारत मे खासकर केरल मे बहुत धूमधाम से मानाया जाता हैं,ओणम को खासतौर पर खेतों मे फसल की अच्छी उपज के लिए मानाया जाता हैं। 1 सितंबर से शुरू हुआ यह त्यौहार 18 सितंबर तक मानाया जाता हैं। ओणम इस लिए भी विशेष हैं। इसलिए इसकी पूजा मन्दिर मे नहीं घर मे की जाती हैं।
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ओणम को मनाने के पीछे एक पौराणिक विश्वास हैं कहा जाता हैं कि केरल मे महाबली नाम का एक असुर राजा था,उसके आदर सम्मान मे ही ओणम त्यौहार मानाया जाता हैं। ओणम त्यौहार का खेती और किसानो से गहरा सम्बध हैं किसान अपनी फसलों की सुरक्षा और अच्छी उपज के लिए श्रावण देवता और पुष्पदेवी की आराधना करते है फसल पकने की खुशी लोगों के मन मे एक नई उम्मीद और विश्वास एव नई चेतना एकाग्रता विकसित करती हैं।
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ओणम त्यौहार के दौरान एक पारम्परिक दावत समारोह का आयोजन किया जाता हैं इस समारोह मे मीठे पकवानों के अलावा नौ पकवान और बनाया जाता हैं,जिनमें पचड़ी काल्लम ओल्लम , दाव, घी, साम्भर, केले और पापड़ के चिप्स बनाए जाते हैं। इन पकवानों को केले के पत्तों पर परोसा जाता हैं। इस दिन लोग एक दुसरे को इस त्यौहार की शुभकामनाएं देते हैं।
ओणम भारत के सबसे रगीले त्यौहारो मे से एक हैं.इस त्यौहार की लोकप्रियता इतनी हैंकि केरल सरकार इसे पर्यटक त्योहार केरूप मे मनाते हैं,ओणम त्योहार के दौरान नाव रेस, नृत्य, संगीत, महाभोज जैसे कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता हैं।
ओणम केरल का एक प्रमुख त्योहार हैं। यह उत्सव त्रिक्काकरा केरल के एक मात्र वामन मन्दिर से प्रारंभ होता हैं।ओणम ईश्वर के अपने देश भर से रंगों और स्वादो को एक साथ लाता हैं,और उत्सव तिरूवणम के शुभ के शुभ दिन पर उनके शीर्ष पर पहुचते हैं।ओणम एक पौराणिक धर्मी राजा महाबली की वापसी की याद दिलाता हैं। इस दिन हर एक घर मे परोसें जाने वाले शानदार दावत देख सकते हैं साथ ही दावत पेसम(केरल मिठाई) के साथ समाप्त होती हैं ,जो यह सुनिश्चित करता हैं कि एकता और आशा का संदेश दूर-दूर तक फैला हुआ हैं।
केरल मे, त्यौहार की तारीख़ों को मलयालम कैलेंडर और वहाँ की जगह की परपंराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार तय किया जाता हैं।
ओणम केरल का प्रसिद्ध त्यौहार हैं जहाँ पर लोग श्रद्धा भाव से मिलकर साथ मे मनाते हैं। ओणम को वहाँ की सरकार पर्यटक त्यौहार के रूप मे मनाते हैं। ओणम त्यौहार हर्ष एंव उल्लास का प्रतीक हैं।