जाने कब है पौष पूर्णिमा व्रत? जानें इसका महत्व और पूजा विधि। Purnima the full moon day as per hindu calendar consider purnima vrat.

हिंदू महीने के हिसाब से पंचांग के दसवें महीने को पौष माह के नाम से जाना जाता है। इसी पौष महीने में पौष पूर्णिमा आती है जिसमे चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है।

पौष पूर्णिमा की पूजा महत्व

पौष मास में सूर्य देव की पूजा और नदी में स्नान का अधिक महत्व रहता है और विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह पौष महीना इस लिया भी खास है की देवगुरु बृहस्पति की उपासना का भी फल आप को अधिक प्राप्त होता है|

पौष माह की पूर्णिमा का ज्योतिषीय फल प्राप्ति का उपाय

ज्योतिषीय के हिसाब से पौष महीने के रविवार को तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन, लाल रंग के पुष्प डालकर भगवान विष्णु का मंत्र बोलते हुये सूर्य देव को जल अर्पण करना लाभकारी माना जाता है। माना जाता है कि इस महीने में रविवार व्रत रखने और तिल चावल की खिचड़ी का प्रसाद गृहण करने से मनुष्य तेज और बुद्धि पता है।

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पौष पूर्णिमा व्रत और त्योहार

पौष महीने के कृष्ण पक्ष की द्वितीया की रात्रि को पुष्य नक्षत्र लगेगा। दूसरे दिन नक्षत्र मान से चतुर्थी होगी इस हिसाब से जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा।

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पौष पूर्णिमा तिथि 2020

कब है पौष पूर्णिमा व्रत? 10 जनवरी 2020 को पौष मास की पूर्णिमा रहेगी। धार्मिक कार्य, पूजा पाठ, भजन-कीर्तन आदि के लिये ये दिन खास है स्नान, दान, पुण्य आदि के लिए पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ माना जाता है। पौष पूर्णिका का व्रत (उपवास) भी रखा जाता है। वैसे पौष मास पूर्णिमा के इस दिन समाप्त हो जाता है| इस बार 15 जनवरी 2020 को मकर संक्रांति का त्यौहार और दक्षिण भारत में पोंगल का त्योहार हैं।

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